Sunday, September 30, 2007

बच्चे से रंगदारी वसूली मामले की डीएसपी ने की पुष्टि

सहरसा। आखिरकार सहरसा में बच्चे को धमकाकर अपराधी द्वारा रंगदारी वसूले जाने के मामले की पुष्टि पुलिस ने कर ही दी। एसडीपीओ ने अपने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में नामजद अभियुक्त पर लगाये गये आरोप को सही करार देते हुए अविलम्ब उसकी गिरफ्तारी करने की अनुशंसा की है। उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने 30 अगस्त को सहरसा में अब बच्चे को धमकाकर रंगदारी वसूली शीर्षक से खबर छापकर इस मामले को उजागर किया था। इसके बाद सदर थाना में कांड संख्या 421/07 दर्ज कर मामले के अनुसंधान की जिम्मेवारी सअनि शत्रुघन् प्रसाद सिंह को सौंपी गयी थी। अनुसंधानकत्र्ता ने अपना प्रतिवेदन उच्च पुलिस पदाधिकारी को दिया जिसे सहरसा के तत्कालीन एसडीपीओ अशोक कुमार सिन्हा ने पर्यवेक्षण कर प्रतिवेदन में बच्चे से भय दिखाकर रंगदारी मांगने की पुष्टि कर दी। घटना को सही करार देते हुए एसडीपीओ ने अपने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में कहा है कि पूछताछ पर यह पता चला कि न्यू कालोनी निवासी वादी मदन मोहन सिंह के पड़ोस में ही रहने वाला हीरो रजक का पुत्र भानू रजक एक दुश्चरित्र व्यक्ति है और चोरी करना, बेवजह देशी नाजायज हथियार से फायर कर दहशत पैदा करना इसकी आदत में शुमार है। उन्होंने भानू रजक के पिता हीरो रजक को पूरे मामले में क्लिनचिट दे दी है। अपने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि वादी का पौत्र अभिनव कुमार सिंह को यह कहकर कि तुम्हारा सिगरेट पीते हुए फोटो खिंच लिये है और यदि पैसा नहीं दोगे तो तुम्हारे पिता को दिखा देंगे आदि कहकर भानू रजक ने कभी तीन सौ, कभी एक हजार, कभी दो हजार रुपये लेता रहा। इसी क्रम में जब आरोपी ने अभिनव से पांच हजार रुपये की मांग कर दी तो उसने इसकी सूचना अपने परिवार वालों को दी। एसडीपीओ ने इस तरह आरोपी भानू रजक पर लगाये गये आरोप को सही करार देते हुए उसे जल्द गिरफ्तार करने की अनुशंसा की है। अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में उन्होंने न्यायालय से कुर्की-जब्ती की अनुमति लेकर अनुसंधानकत्र्ता को कार्रवाई के लिए कहा है।

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